Tuesday, November 30, 2010

पूज्य गुरुदेव के दर्शन कक्ष में स्थित आसन

अघोर पथ के पथिको को सदा से यह ज्ञात रहा है की गुरु के आसन और गुरु में कोई अंतर नहीं होता है. अघोर गुरु       की अनुपस्थिति  में उनके आसन को प्रणाम करके साधक अपना अभीष्ट  प्राप्त करते हैं. पूज्य बाबा के दर्शन कक्ष में स्थित  आसन को प्रणाम निवेदन करते बाबा के एक भक्त. पूज्य बाबा आश्रम में हो या प्रवास में हो, उनके भक्तो को उनकी सूक्ष्म उपस्थिति  सदैव उनके आसन के समीप होती है.

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