Tuesday, November 30, 2010

महुआ टोली वाले औघड़ बाबा
" करता है हर कर्म जो, रहता है निष्काम, आकाश सा निर्लेप है जो अवधूत है उसका नाम "
" अघोरेश्वर के सन्मुख प्रगटे , ओर पाया उनसे ज्ञान   , रत्न लगा निज का उन्हें ,  नाम दिया समूह रत्न राम "

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