Wednesday, February 9, 2011

कपालेश्वर पूजन पर्व



श्री समवर्ती समूह के सभी शिष्य और भक्त यह जानते हैं की हर मकर सक्रान्ति के दिन पूज्य गुरुदेव नदी के संगम पर हवन पूजन संपन्न करते हैं और उसके बाद भंडारे का आयोजन होता है. हमने  इस पर्व के बारे में जानने हेतु  बाबा से निवेदन किया तो पुज्य अवधूत बाबा समूह रत्न रामजी के श्रीमुख से प्रथम बार इस बात का रहस्योदघाटन हुआ कि, मकर संक्रांति का पर्व अघोर साधको के अमृत पान का पर्व होता है. पूज्य गुरुदेव ने बताया कि यह कपालेश्वर पूजन का पर्व है, इस दिन कपालेश्वर के द्वारा अमृत की वर्षा की जाती है, और अघोर साधक इस अवसर पर, संगम तट पर पूरी रात जाप हवन और गोप्य साधना में लीन होते हैं. तत्पश्चात अघोर साधक कपालेश्वर के अमृत को ग्रहण करते हैं, और भंडारे का आयोजन करते हैं.  ज्ञात रूप से इस तरह का आयोजन सिर्फ महुआ टोली वाले पूज्य औघड़ बाबा द्वारा ही किया जाता है, अज्ञात रूप से संभवतः एक दो अघोर साधक और हो सकते हैं जो इस गोप्य साधना के विषय में परिचित हैं. हम शिष्यों के लिए यह सौभाग्य की बात है की पूज्य गुरुदेव मकर सक्रांति के दिन जो अमृत प्राप्त करते हैं, उसका एक अंश भंडारे के द्वारा  में प्रसाद स्वरुप सबको वितरित करते हैं.





पूज्य बाबाजी
संगम स्थल पर हवन का स्थान
पूज्य बाबाजी का  संगम तट पर अस्थायी  निवास

 पूज्य बाबाजी के पूजन व्यवस्था में रत आदरणीय बैगाजी
हवन पूजन पश्चात भंडारे का दृश्य
भंडारे में प्रसाद ग्रहण करते शिष्य एवं भक्त गण

संगम में स्नान के पश्चात पूज्य बाबाजी के भक्त श्री राहुल शर्मा
आश्रम की व्यवस्था कार्य के सहभागी  पूज्य बाबाजी के शिष्य श्री कैलाश जोशीजी
प्रभात के सूर्य की किरणों द्वारा पूज्य  बाबाजी का चरण वंदन
धुनी संगम स्थल
भंडारे की व्यवस्था में रत श्री पिंटू जी एवं भक्त

1 comment:

  1. such festivity and rituals are the core of hindu sadhana and celebration.......................wonderful pics

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